सपना अत्रि (चौधरी )का जन्म 1995 में दिल्ली महिपालपुर में हुआ था। उनके पिता उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले में छोटे से गाँव स्यारोल में रहने वाले थे। सपना के जन्म से कुछ दिन पहले ही उनका परिवार उनके बड़े भाई के पास ,महिपालपुर आ गया था। साल 2008 में सपना के पिता भूपेंद्र अत्रि का लम्बी बीमारी से देहांत हो गया था, तब वह महज 14 साल की थी। पिता की मृत्यु के बाद अपने परिवार की जिम्मेदारियों को संभालने के लिए उन्होंने अपने शौक “नृत्य” और “गायन” को अपना व्यवसाय बना लिया और इस कला के माध्यम से ही वो पूंजी और शोहरत कमाने लगीं। इसके साथ ही फिल्मों में भी वे काम कर रही हैं।
करियर
सपना ने अपने करियर की शुरुआत हरियाणा के एक ऑर्केस्ट्रा टीम के साथ की थी। सपना चौधरी ने अपने करियर की शुरुआत रागनी कलाकारो के साथ टीम का हिस्सा बनकर की थी . सपना शुरुआत में हरियाणा में और आस पास के राज्यों में रागनी प्रोग्रामो में रागनी पार्टियों के साथ हिस्सा लेती थी . उसके बाद सपना ने स्टेज डांस करना शुरू किया .सपना ने एक मोर म्यूजिक कम्पनी से रिलीज हुए हरयाणवी गाने 'सॉलिड बॉडी रै' पर डांस किया वो वीडियो हिट रहा . जिसके बाद सपना को हरियाणा के साथ अन्य प्रदेशो में भी पहचान मिली .। उन्होंने 20 से अधिक गानों में अपनी आवाज दी है। सपना जर्नी ऑफ भांगओवर में आइटम नंबर से बॉलीवुड में डेब्यू किया। इसके बाद सपना वीरे की वेडिंग फिल्म के सॉन्ग 'हट जा ताऊ' में नजर आई थीं। वहीं अभय देयोल स्टारर फिल्म नानू की जानू में सपना ने अहम किरदार निभाया और 'तेरे ठुमके सपना चौधरी' नामक एक आइटम नंबर भी किया है।
विवाद
तारीख 17 फरवरी, 2016 को गुड़गांव में आयोजित एक कार्यक्रम में सपना चौधरी ने एक रागनी गाई थी, जिसमें आरोप के मुताबिक दलितों के लिए जातिसूचक शब्द बोले गए थे। रागनी के गीत पर आपत्ति दर्ज कराते हुए सपना के खिलाफ हिसार में प्राथमिकी दर्ज कराई गई। इसके अलावा सपना चौधरी के विरुद्ध गुड़गांव में सेक्टर-29 के थाने में एफआईआर दर्ज हुआ। जिस पर पुलिस ने कार्रवाई करते हुए सपना के खिलाफ एससी एसटी एक्ट के साथ साथ भारतीय दण्ड संहिता की धारा 34 के अंतर्गत मामला दर्ज किया गया। मामले की जांच-पड़ताल के लिए एक एसआईटी टीम का भी गठन कर दिया गया।
मामले में सपना ने सार्वजनिक रूप से माफी मांगीा। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक माफी मांगने के बाद भी सोशल मीडिया साईट पर दलित संगठनो द्वारा उनके खिलाफ अभियान छेड़ा गया था। जिस पर लगातार उनके खिलाफ बहुत आपत्तिजनक टिप्पणियां की जा रही थीं। इन सब से तंग आ कर सपना ने ख़ुदकुशी करने की कोशिश कीा। 29 सितम्बर 2016 को पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय द्वारा सपना को जमानत मिल गया। नेम थरेपी के तहत सपना ने अपने नाम के आगे चौधरी उपाधि को लगाना शुरू किया तो हरियाणा के झज्जर जिले में कुछ सामाजिक संघठनो ने इस बात का विरोध किया था कि वो अपना गोत्र अत्रि ही लगाए ,हरियाणवी समाज में प्रचलित उपाधि "चौधरी" का प्रयोग न करें, लेकिन सपना ने भारतीय सविधान का हवाला देते हुवे कहा कि उसमें सभी को कोई भी उपाधि और गोत्र प्रयोग करने का अधिकार है ,इसलिए वो अपने दर्शकों को देखते हुवे इसे अपने नाम के साथ लगाना चाहती है।