होरर कथानक में अहम बात यही होती है कि हर सिन को पढते वक़्त पाठक के दिलोदिमाग में खौफ की घंटी बजती रहे। कहानी का हर पहलू आपको न सोने दे न चैन से कहीं बैठने दे। आपकी सांस हलक में तब तक अटकी रहे जब तक आप उसका आखरी पन्ना न पढ ले। ऐसे ही हाहाकारी और होलनाक सिन लिखने के लिए मशहूर आपके चहिते लेखक लेकर आये हैं एक बेमिसाल कथानक, 'मुर्दाघर' के रूप में। ****** ******** बीरबल वारसी। एक अच्छा कवि, शायर और हॉरर स्टोरी का किमयागार लेखक। बहुत ही कम उपन्यास लिखकर उसने लोगों की प्रशंसा हासिल कर ली थी। हॉरर स्टोरी पढ़ने वालों पर उसने जैसे जादू चलाया था। हर बार वह कुछ न कुछ नया करता रहता था। जिससे लोगों की उम्मीदें काफी बढ़ गई थी। दिन-ब-दिन विचित्र तरकीबें आजमा कर लोगों को डराने में वह सफल हो जाता था। लेकिन इस बार लोगों ने उसे सोशल मीडिया पर लाइव सुनते ही सवालों की बौछार लगाकर घेर लिया। ज्यादातर लोगों की यही मांग थी कि बीरबल वारसी कुछ ऐसी कहानी लिखे जो हकीकत के बिल्कुल नजदीक हो। फिर क्या था। पाठकों की मांग तो पूरी करनी ही थी। उसने अपने खुराफाती भेजे को काम पर लगा दिया। बहरहाल कोई घिसी पिटी थीम पर वह काम करना नहीं चाहता था। बीरबल न जाने कितने दिनों से एक कमरे में बंद था। काफी किताबें पढ़ी। बहुत सारे हॉरर शो देखें। लेकिन सब कुछ वैसा का वैसा ही था। नीरस। खौफ़ शब्द के साथ हो रहा रेप। बीरबल वारसी अपनी कहानी के लिए कोई ऐसी ट्रिक आजमाना चाहता था, जो कथानक में प्राण फूंक दे। एक बार पाठक उसे पढ़ने के बाद बस चिपक ही जाए। पढ़ने वाले के मुंह से सिर्फ एक ही शब्द निकले, आफरीन...आफरीन...आफरीन। मगर कोई जानदार प्लॉट उसके दिमाग में फिट नहीं हो रहा था। बीरबल काफी अपसेट था कि उसके दरवाजे पर दस्तक हुई। ***** बीरबल ने कौन सी तरकीब आज़माई? क्या वह एक नायाब होरर कथानक लिखने मे कामियाब हुआ? और अगर हुआ भी तो उसकी मेहनत क्या रंग लाई? कही ऐसा तो नही था कि उसने जो जाल बुना वह उसका था ही नही?" गहरे सवाल है और इन सभी सवालों के जवाब बाकायदा आपको मुर्दाघर में मिलेंगे। तो आज ही आर्डर करे शोपिजन से और इस हैरतअंगज कथानक के बारे में अपनी प्रतिक्रिया जरूर दे।