भूत एक ऐसा शब्द है जिस पर आम जन ही नहीं बल्कि बड़े बड़े वैज्ञानिक भी लड़ते भिड़ते रहते हैं और सच तो ये है कि आखिरकार कुछ बाते ऐसी होती हैं जिनके आगे सभी को घुटने टेकने पड़ते हैं, जी हां! दुनिया मे बहुत सी ऐसी चीजें हैं जो तर्को और विज्ञान से परे हैं। मुझे तो लगता है कि विज्ञान अभी अपने शैशव काल मे है।
खैर, हम बाते कर रहे थे भूत की, उनके अस्तित्व की! भूत पर जाने कितनी कहानियां लिखी जा चुकी हैं, जाने कितनी किवदंतिया हैं, जाने कितने जुबानी किस्से हैं, कोई मानता है तो कोई सिरे से नकार देता है, स्वाभाविक भी है, अगर कुछ सौ साल पहले हमसे कहा जाता कि एक ऐसा यंत्र भी होता है जिससे हम सेकेंडो में सैकड़ो किलोमीटर दूर बैठे लोगों से बाते कर सकते हैं, चैट कर सकते हैं, वीडियो कॉल कर सकते हैं, तो शायद ही कोई हमारी बात पर भरोसा करता, पर आज देखिए यह सब एकदम नॉर्मल बात लगती है और मुझे तो लगता है कुछ सालों बाद ये भूत, प्रेत भी हमारे लिए चौकने का विषय न होकर नॉर्मल बाते होंगी और तो और क्या पता हम भूतों और शैतानों के साथ किसी पार्क में बैठ कर गप्पे मार रहे होंगे।
मुझे तो लगता है कि डर और कौतूहल तभी तक है जब तक हम इन चीजों के बारे में, इनके पैटर्न के बारे में अच्छे से समझ नहीं लेते, और जब तक हम जान नहीं लेते इनके बारे में तब तक हम जीते रहेंगे "डर के साये में"