har julm mita do

har julm mita do
मेरे प्रथम काव्य-संग्रह  " दुनिया बदल दो "  को प्रकाशित हो जाने के बाद शेष रचनाओं को दूसरी काव्य-संग्रह  " हर जुल्म मिटा दो "  के नाम से प्रकाशित करवाने की अभिलाषा मेरे मन में आई।मेरे इस काव्य संग्रह का भी उद्देश्य वही है जो पहले की है।हर भेदभाव को मिटाना,शोषण-मुक्त व्यवस्था के स्थापना के लिए वर्ग-चेतना उत्पन्न करना यही क्रांतिकारी उद्देश्य से मैं इस काव्य-संग्रह की लगभग सभी काव्य को...More

You may also like...

Arjun ka baan

Article & Essay Poetry Short Stories Hindi

Hum aage badhte jayenge (bhag 3)

Poetry Self-help Hindi

Shabdabhargavi

Poetry Marathi

Kaumudi

Poetry Marathi

jaltarang

Family Poetry Hindi

Salagti Kavitao

Poetry Gujarati