samyaik vishay aur rashtra drushti

samyaik vishay aur rashtra drushti
शब्दों को एक सूत्र में बांधना निश्चित ही एक साधना है, एक तपस्या है। भारत में अनेक ऐसी साहित्यिक प्रतिभाएं प्रकट हुईं, जिन्होंने इस प्रकार की साधना करके समाज को राष्ट्रीय विचार दिया है। अखिल भारतीय साहित्य परिषद के राष्ट्रीय संगठन मंत्री और दिशा बोध कराने वाली अनेक पुस्तकों के लेखक श्रीयुत् श्रीधर पराडकर जी का कथन है कि लेखन समाज को सार्थक और सकारात्मक दिशा देने वाला होना चाहिए।...More

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