sapno ki udaan

sapno ki udaan
संभावना के नक्शे पर लक्ष्य का भवन बिना रूपरेखा के कुछ संभव नहीं है। पहले नक्शा बनता है तभी भवन का निर्माण होता है। यह प्रत्यक्ष रूप से कागज पर बने या अप्रत्यक्ष रूप से मस्तिष्क रुपी पटल पर बने तभी इसका शासक रूप सामने आता है। कहते हैं कि आवश्यकता आविष्कार की जननी है। ठीक उसी तरह रचनाकार की आवश्यकता, उसकी चाहत, उसकी इच्छा, उसका लक्ष्य और की आवश्यकता उसे वह सब कुछ उसी अनुरूप करने को...More

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