मैं पूजा गुप्ता मुझे लिखने का शौक १५ साल की उम्र से है मैं अत्यंत भावुक हूँ मेरा जीवन बचपन से ही संघर्षमय रहा है आर्थिक स्थिति सही नहीं थी काफी अड़चनों के बाद भी मैंने विद्यालय की वार्षिक पत्रिका में लिखना शुरू की उसके बाद मेरा विवाह हो गया फिर लिखने का सारा कार्य घर गृहस्थी में कहीं खोकर रह गया। मैंने सोशल मीडिया के क्षेत्र में कई प्रतियोगी अकादमी में लेखन कार्य किया मुझे कई प्रशस्ति पत्र मिले है जिसमें राजश्री साहित्य अकादमी(शासन द्वारा मान्यता प्राप्त) और गोपाल दास नीरज साहित्य संस्थान (अखिल भारतीय स्तर पर) के नाम उल्लेखनीय है।
मेरी माँ एकल मदर है ३५ साल से संघर्ष करके हम ४ भाई बहनो को पाली एक अच्छी दीक्षा देकर सबका जीवन सफल की है।
मुझे लिखने की प्रेरणा आसपास होने वाली घटनाओं और अपनी माँ के संघर्ष भरे जीवन को देख कर मिली जो हालात सामने घटित होते वो मन में लिखने को प्रेरित करने लगे मुझे और मेरा खुद का जीवन काफी संघर्ष भरा था इसलिए मेरी लेखनी में कुछ कवितायें नारी जीवन को समर्पित हूं और पारिवारिक रिश्तों में होने वाले बदलाव को मैंने लिखने का प्रयास की हूँ। आशा करती हूँ कि आप सभी मेरी ये पहली कोशिश को पसंद करेंगे मैं आप सबके लिए मैं सरल शब्दों में ये कविताएँ प्रस्तुत की हूँ