chatushkon

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संग्रह की पहली कहानी "पितृ परिचय" दिल को झिंझोड़ती हुई कई प्रश्न करती है। क्या रिश्ते अपनी पहचान खो चुके हैं? रिश्तों की आड़ में पिता चाहे सौतेला हो, मर्यादा खो बैठता है। एक मार्मिक कहानी का सकारात्मक अंत समाज में फैली बुराई  को सरल तरीके से उजागर करने के पश्चात उसका समाधान भी बताता है। जो हुआ बुरा हुआ परन्तु हमें हर समस्या को सामना करते हुए सिर उठा कर गर्व से जीना है। एक मार्मिक कहानी...More

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