भारत किसानों और गाँव का देश है । देश में अक्सर जो कल्याणकारी योजनाएँ होती हैं वह गरीबों या फिर धनाढ्यों के लिए हो रहे । इन गरीब और धनाढ्यों के बीच एक वर्ग वह भी जो ना गरीब है और ना हीं धनाढ्य है । इस वर्ग को मध्यमवर्गीय परिवार कहा जाता है ।गरीबों को केंद्र में रखकर कहानी की परंपरा वर्षों से चली आ रही है । पर जाती,धर्म और समुदाय के राजनीत रुपी शिलवट पर पिसते इन मध्यमवर्गीय परिवार पर ध्यान नही के बराबर दिया जाता है । कोरोनाकाल में मध्यमवर्गीय परिवार में उपजे भीषण त्रासदी को जिस प्रकार से वरिष्ठ लेखक रवीन्द्र नाथ ठाकुर के द्वारा कलमबद्ध किया गया वह सराहनीय है । उम्मीद है इसी प्रकार की लेखनी भविष्य में भी जारी रहेगी ।
जय जवान ,जय किसान ,जय हिन्दुस्तान