मैं एक बात पर विश्वास रखता हूँ, मानव के जीवन में रिश्तों का विशेष महत्व है। जन्म से मृत्यु तक हर पल हम किसी न किसी रिश्ते की डोर से बंधे रहते हैं। समाज को रिश्ते ही बांध कर रखते हैं। पहला रिश्ता माँ से बंधता है, फिर पिता, भाई, बहन, मित्र, सहपाठी, जीवनसाथी, बच्चे और अन्य पारिवारिक सदस्य समयानुसार रिश्ते बनाते हैं। कुछ रिश्ते, मानवीय श्रेणी के, अपने आप हमारे जीवन में पदार्पण करते हैं।
बनते-बिगड़ते रिश्ते हमारे जीवन में अलग-अलग छाप अंकित करते हैं। कुछ रिश्ते, चाहे हम उन्हें अनचाहा कहें, फिर भी हमारे जीवन का अभिन्न हिस्सा बन जाते हैं। ऐसे रिश्ते हमारे जीवन में विशेष महत्व रखते हैं। कभी अनजाने में अजनबियों के साथ अपने सगों से भी बढ़ कर रिश्ता स्थापित हो जाता है और हम उनकी प्रतीक्षा में एक उम्र बिता देते हैं। कभी परिस्थिति हमें दूर करती है और फिर नजदीकियां बनती है। यह हमारे भाग्य का लेखा जोखा है जो अजनबी हमारे दुख दर्द में अपनों से अधिक सहारा देते हैं।
पति-पत्नी का रिश्ता हमारी संस्कृति में सात जन्मों का है, जिसे आज के आधुनिक युग में भी स्वीकार किया गया है। दो अजनबी मिलते है, एक हो जाते हैं और जीवन भर साथ चलते हुए अंतिम सत्य को स्वीकार करते हैं।