मेरा पहला कहानी संग्रह भावों का संपुट आपके हाथों में हैं ।
संपुट अर्थात कटोरा ये मेरे भावों का एक छोटा सा कटोरा है, इसका स्वाद आप सब पाठक गण बताएंगे, ताकि आगे इससे भी बेहतरीन, भाव भरी रचनाएं आपके सामने रख सकूं।
भावों का संपुट भावों से भरपूर है। यह मेरी कल्पनाओं, एहसासों की झलक है। इन कहानियों में आम इन्सान के भाव, एहसास, अरमान, आशिकी-मिजाज, प्रेम भाव अर्थात श्रृंगार और विरह वेदना का संग्रह है।
कोई डूबा है प्रेम में तो कोई तड़प रहा है प्रेम एक लिए, कोई जुल्म करता है तो कोई सहता है, कैसी अजब दुनिया है।
यह संग्रह पाठकों के दिल तक पहुंचे यहीं मेरी लेखनी का मुल्यांकन होगा।