लगभग एक दशक से हिंदी कविता सृजन हेतु समर्पित। १९७८ ई. में एम. बी. बी. एस. (फिजिशियन) पुर्ण कर ४० साल ग्रामिण रोगियों की बिहार, झारखण्ड, पश्चिम बंगाल और राजस्थान में ४२ साल से सरकारी/एन. जी. ओ. (एमर्ट/देव पारा मेडिकल संस्थान- मुख्य संरक्षक) स्वास्थ्य सेवा व शिक्षा। पिता कीर्तशेष श्री विमल राजस्थानी जी (राष्ट्रीय स्तर के कवि) से साहित्यिक संस्कार प्राप्त।