mere shabdo ki duniya

mere shabdo ki duniya
तुम्हारे शब्द...(१) जब भी मैं अपने लक्ष्य से दिग्भ्रमित हो जाती हूं, तुम्हारे तीखे -कड़वे शब्द मुझ पर प्रहार करते हैं। इसलिए नहीं कि मैं अपने पथ से विमुख हो जाऊं, वह शब्द लक्ष्य के लिए अग्रसर रहने को कहते है। जब भी कभी मैं गुमसुम सी उदास होती हूं, तुम्हारे शब्द गुलमोहर के फूल से लगते हैं। कभी -कभी मेरे अक्षुनीर जब मेरे होंठों को छूते हैं, तुम्हारे तीखे शब्द...More

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